ॐ आञ्जनेयाय नमः ।
ॐ महावीराय नमः ।
ॐ हनूमते नमः ।
ॐ मारुतात्मजाय नमः ।
ॐ तत्वज्ञानप्रदाय नमः ।
ॐ सीतादेविमुद्राप्रदायकाय नमः ।
ॐ अशोकवनकाच्छेत्रे नमः ।
ॐ सर्वमायाविभंजनाय नमः ।
ॐ सर्वबन्धविमोक्त्रे नमः ।
ॐ रक्षोविध्वंसकारकाय नमः । 10
ॐ परविद्या परिहाराय नमः ।
ॐ परशौर्य विनाशनाय नमः ।
ॐ परमन्त्र निराकर्त्रे नमः ।
ॐ परयन्त्र प्रभेदकाय नमः ।
ॐ सर्वग्रह विनाशिने नमः ।
ॐ भीमसेन सहायकृथे नमः ।
ॐ सर्वदुखः हराय नमः ।
ॐ सर्वलोकचारिणे नमः ।
ॐ मनोजवाय नमः ।
ॐ पारिजात द्रुमूलस्थाय नमः । 20
ॐ सर्वमन्त्र स्वरूपवते नमः ।
ॐ सर्वतन्त्र स्वरूपिणे नमः ।
ॐ सर्वयन्त्रात्मकाय नमः ।
ॐ कपीश्वराय नमः ।
ॐ महाकायाय नमः ।
ॐ सर्वरोगहराय नमः ।
ॐ प्रभवे नमः ।
ॐ बल सिद्धिकराय नमः ।
ॐ सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायकाय नमः ।
ॐ कपिसेनानायकाय नमः । 30
ॐ भविष्यथ्चतुराननाय नमः ।
ॐ कुमार ब्रह्मचारिणे नमः ।
ॐ रत्नकुण्डल दीप्तिमते नमः ।
ॐ चञ्चलद्वाल सन्नद्धलम्बमान शिखोज्वलाय नमः ।
ॐ गन्धर्व विद्यातत्वज्ञाय नमः ।
ॐ महाबल पराक्रमाय नमः ।
ॐ काराग्रह विमोक्त्रे नमः ।
ॐ शृन्खला बन्धमोचकाय नमः ।
ॐ सागरोत्तारकाय नमः ।
ॐ प्राज्ञाय नमः । 40
ॐ रामदूताय नमः ।
ॐ प्रतापवते नमः ।
ॐ वानराय नमः ।
ॐ केसरीसुताय नमः ।
ॐ सीताशोक निवारकाय नमः ।
ॐ अन्जनागर्भ सम्भूताय नमः ।
ॐ बालार्कसद्रशाननाय नमः ।
ॐ विभीषण प्रियकराय नमः ।
ॐ दशग्रीव कुलान्तकाय नमः ।
ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः । 50
ॐ वज्रकायाय नमः ।
ॐ महाद्युथये नमः ।
ॐ चिरञ्जीविने नमः ।
ॐ रामभक्ताय नमः ।
ॐ दैत्यकार्य विघातकाय नमः
ॐ अक्षहन्त्रे नमः ।
ॐ काञ्चनाभाय नमः ।
ॐ पञ्चवक्त्राय नमः ।
ॐ महातपसे नमः ।
ॐ लन्किनी भञ्जनाय नमः । 60
ॐ श्रीमते नमः ।
ॐ सिंहिकाप्राण भञ्जनाय नमः ।
ॐ गन्धमादन शैलस्थाय नमः ।
ॐ लङ्कापुर विदायकाय नमः ।
ॐ सुग्रीव सचिवाय नमः ।
ॐ धीराय नमः ।
ॐ शूराय नमः ।
ॐ दैत्यकुलान्तकाय नमः ।
ॐ सुरार्चिताय नमः ।
ॐ महातेजसे नमः । 70
ॐ रामचूडामणिप्रदायकाय नमः ।
ॐ कामरूपिणे नमः ।
ॐ पिङ्गलाक्षाय नमः ।
ॐ वार्धिमैनाक पूजिताय नमः ।
ॐ कबळीकृत मार्ताण्डमण्डलाय नमः ।
ॐ विजितेन्द्रियाय नमः ।
ॐ रामसुग्रीव सन्धात्रे नमः ।
ॐ महारावण मर्धनाय नमः ।
ॐ स्फटिकाभाय नमः ।
ॐ वागधीशाय नमः । 80
ॐ नवव्याकृतपण्डिताय नमः ।
ॐ चतुर्बाहवे नमः ।
ॐ दीनबन्धुराय नमः ।
ॐ मायात्मने नमः ।
ॐ भक्तवत्सलाय नमः ।
ॐ संजीवननगायार्था नमः ।
ॐ सुचये नमः ।
ॐ वाग्मिने नमः ।
ॐ दृढव्रताय नमः ।
ॐ कालनेमि प्रमथनाय नमः । 90
ॐ हरिमर्कट मर्कटाय नमः ।
ॐ दान्ताय नमः ।
ॐ शान्ताय नमः ।
ॐ प्रसन्नात्मने नमः ।
ॐ शतकन्टमुदापहर्त्रे नमः ।
ॐ योगिने नमः ।
ॐ रामकथा लोलाय नमः ।
ॐ सीतान्वेषण पण्डिताय नमः ।
ॐ वज्रद्रनुष्टाय नमः ।
ॐ वज्रनखाय नमः । 100
ॐ रुद्र वीर्य समुद्भवाय नमः ।
ॐ इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारकाय नमः ।
ॐ पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने नमः ।
ॐ शरपञ्जर भेदकाय नमः ।
ॐ दशबाहवे नमः ।
ॐ लोकपूज्याय नमः ।
ॐ जाम्बवत्प्रीतिवर्धनाय नमः ।
ॐ सीतासमेत श्रीरामपाद सेवदुरन्धराय नमः । 108
हनुमान अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र
परिचय
हनुमान अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र भगवान हनुमान को समर्पित 108 नामों का समूह है। यह स्तोत्र हनुमान जी की महिमा का बखान करता है और उन्हें विभिन्न रूपों में स्मरण करता है। प्रत्येक नाम भगवान हनुमान के किसी विशेष गुण या कार्य को दर्शाता है।
हनुमान जी के 108 नाम
1 से 10 नाम
- ॐ आञ्जनेयाय नमः
- अंजना के पुत्र को प्रणाम।
- ॐ महावीराय नमः
- महान वीर को नमन।
- ॐ हनूमते नमः
- हनुमान को नमन।
- ॐ मारुतात्मजाय नमः
- वायुदेव के पुत्र को नमन।
- ॐ तत्वज्ञानप्रदाय नमः
- तत्वज्ञान के दाता को नमन।
- ॐ सीतादेविमुद्राप्रदायकाय नमः
- सीता देवी का संदेश लेकर आने वाले को नमन।
- ॐ अशोकवनकाच्छेत्रे नमः
- अशोक वाटिका के उद्धारक को नमन।
- ॐ सर्वमायाविभंजनाय नमः
- सभी माया का नाश करने वाले को नमन।
- ॐ सर्वबन्धविमोक्त्रे नमः
- सभी बन्धनों से मुक्त करने वाले को नमन।
- ॐ रक्षोविध्वंसकारकाय नमः
- राक्षसों का विनाश करने वाले को नमन।
11 से 20 नाम
- ॐ परविद्या परिहाराय नमः
- परविद्या को नष्ट करने वाले को नमन।
- ॐ परशौर्य विनाशनाय नमः
- पराक्रम का नाश करने वाले को नमन।
- ॐ परमन्त्र निराकर्त्रे नमः
- महान मंत्रों को समाप्त करने वाले को नमन।
- ॐ परयन्त्र प्रभेदकाय नमः
- यंत्रों को भेदने वाले को नमन।
- ॐ सर्वग्रह विनाशिने नमः
- सभी ग्रहों के प्रभाव को नष्ट करने वाले को नमन।
- ॐ भीमसेन सहायकृथे नमः
- भीमसेन के सहायक को नमन।
- ॐ सर्वदुखः हराय नमः
- सभी दुखों का नाश करने वाले को नमन।
- ॐ सर्वलोकचारिणे नमः
- सभी लोकों में विचरण करने वाले को नमन।
- ॐ मनोजवाय नमः
- मन के समान तेज गति वाले को नमन।
- ॐ पारिजात द्रुमूलस्थाय नमः
- पारिजात वृक्ष के नीचे निवास करने वाले को नमन।
21 से 30 नाम
- ॐ सर्वमन्त्र स्वरूपवते नमः
- सभी मंत्रों का स्वरूप वाले को नमन।
- ॐ सर्वतन्त्र स्वरूपिणे नमः
- सभी तंत्रों के ज्ञाता को नमन।
- ॐ सर्वयन्त्रात्मकाय नमः
- सभी यंत्रों के स्वरूप वाले को नमन।
- ॐ कपीश्वराय नमः
- वानरों के ईश्वर को नमन।
- ॐ महाकायाय नमः
- विशाल शरीर वाले को नमन।
- ॐ सर्वरोगहराय नमः
- सभी रोगों का नाश करने वाले को नमन।
- ॐ प्रभवे नमः
- शक्तिशाली को नमन।
- ॐ बल सिद्धिकराय नमः
- बल और सिद्धि प्रदान करने वाले को नमन।
- ॐ सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायकाय नमः
- सभी प्रकार की विद्या और संपत्ति प्रदान करने वाले को नमन।
- ॐ कपिसेनानायकाय नमः
- वानर सेना के नायक को नमन।
31 से 40 नाम
- ॐ भविष्यथ्चतुराननाय नमः
- भविष्य में ब्रह्मा बनने वाले को नमन।
- ॐ कुमार ब्रह्मचारिणे नमः
- कुमार अवस्था के ब्रह्मचारी को नमन।
- ॐ रत्नकुण्डल दीप्तिमते नमः
- रत्नमय कुंडलों से दीप्तिमान को नमन।
- ॐ चञ्चलद्वाल सन्नद्धलम्बमान शिखोज्वलाय नमः
- ज्वलंत शिखा वाले को नमन।
- ॐ गन्धर्व विद्यातत्वज्ञाय नमः
- गंधर्व विद्या के ज्ञाता को नमन।
- ॐ महाबल पराक्रमाय नमः
- महान पराक्रमी को नमन।
- ॐ काराग्रह विमोक्त्रे नमः
- कारागार से मुक्त करने वाले को नमन।
- ॐ शृन्खला बन्धमोचकाय नमः
- बंधनों से मुक्त करने वाले को नमन।
- ॐ सागरोत्तारकाय नमः
- सागर को पार करने वाले को नमन।
- ॐ प्राज्ञाय नमः
- बुद्धिमान को नमन।
41 से 50 नाम
- ॐ रामदूताय नमः
- भगवान राम के दूत को नमन।
- ॐ प्रतापवते नमः
- प्रतापी को नमन।
- ॐ वानराय नमः
- वानर योद्धा को नमन।
- ॐ केसरीसुताय नमः
- केसरी के पुत्र को नमन।
- ॐ सीताशोक निवारकाय नमः
- सीता माता के शोक का नाश करने वाले को नमन।
- ॐ अन्जनागर्भ सम्भूताय नमः
- अंजना के गर्भ से उत्पन्न को नमन।
- ॐ बालार्कसद्रशाननाय नमः
- बाल सूर्य के समान मुख वाले को नमन।
- ॐ विभीषण प्रियकराय नमः
- विभीषण के प्रिय को नमन।
- ॐ दशग्रीव कुलान्तकाय नमः
- रावण के कुल का अंत करने वाले को नमन।
- ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः
- लक्ष्मण को जीवनदान देने वाले को नमन।
51 से 60 नाम
- ॐ वज्रकायाय नमः
- वज्र के समान शरीर वाले को नमन।
- ॐ महाद्युथये नमः
- महान प्रकाश वाले को नमन।
- ॐ चिरञ्जीविने नमः
- अमरत्व वाले को नमन।
- ॐ रामभक्ताय नमः
- भगवान राम के भक्त को नमन।
- ॐ दैत्यकार्य विघातकाय नमः
- दैत्यों के कार्यों में विघ्न डालने वाले को नमन।
- ॐ अक्षहन्त्रे नमः
- अक्षय कुमार का वध करने वाले को नमन।
- ॐ काञ्चनाभाय नमः
- स्वर्णिम आभा वाले को नमन।
- ॐ पञ्चवक्त्राय नमः
- पांच मुख वाले को नमन।
- ॐ महातपसे नमः
- महान तपस्वी को नमन।
- ॐ लन्किनी भञ्जनाय नमः
- लंकिनी का विनाश करने वाले को नमन।
निष्कर्ष
हनुमान अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र भगवान हनुमान के 108 नामों के माध्यम से उनकी महिमा का गुणगान करता है। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान हनुमान की भक्ति, शक्ति और पराक्रम का स्मरण कराता है, और उनकी उपासना के द्वारा सभी बाधाओं को दूर करने की शक्ति प्रदान करता है।